
ओलंपिक पदक विजेता और देश के नामी पहलवान सुशील कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। कोर्ट ने जूनियर पहलवान सागर धनखड़ की हत्या मामले में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत को रद्द कर दिया है और आदेश दिया है कि वे 1 सप्ताह के भीतर सरेंडर करें।
मई 2021 की वो काली रात: जब छत्रसाल स्टेडियम बना अपराध का अखाड़ा
5 मई 2021 की रात दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में पूर्व जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियन सागर धनखड़ की बेरहमी से पिटाई की गई थी। आरोप है कि सुशील कुमार और उनके साथियों ने डंडों और हथियारों से सागर की बुरी तरह पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई।
इस घटना में कुल 13 आरोपी हैं, और 4 अन्य पहलवान भी गंभीर रूप से घायल हुए थे।
जमानत रद्द क्यों हुई? सागर के पिता ने SC में दी दलील
सागर धनखड़ के पिता अशोक धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि जमानत पर बाहर आने के बाद, सुशील कुमार गवाहों पर दबाव बना रहे हैं और समझौते के लिए धमकी दे रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने इन तथ्यों को गंभीर माना, खासकर जब वीडियो साक्ष्य भी पेश किया गया जिसमें घटना कैद थी।
कई धाराओं में केस दर्ज, हत्या से लेकर अपहरण तक
इस केस में सुशील कुमार समेत 13 आरोपियों पर दिल्ली पुलिस ने कई संगीन धाराएं लगाई हैं, जैसे:
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हत्या
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गैर इरादतन हत्या
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हत्या का प्रयास
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अपहरण
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आपराधिक साजिश
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डकैती
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दंगा
यह दिखाता है कि यह कोई साधारण आपराधिक मामला नहीं, बल्कि एक पूर्व नियोजित हिंसक वारदात थी।
ओलंपिक पदक विजेता से आरोपी तक: सुशील कुमार की गिरती साख
एक समय देश के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाले सुशील कुमार आज एक हत्या के आरोपी हैं। यह मामला भारतीय कुश्ती की छवि पर भी सवाल खड़े करता है।
किसी समय हीरो कहे जाने वाले सुशील अब कानूनी शिकंजे में फंसे हैं और अब उन्हें फिर से जेल जाना होगा।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सख्त और साफ संदेश देता है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं। भले ही वह ओलंपियन क्यों न हो, न्याय की प्रक्रिया से छूट नहीं मिल सकती। आने वाले दिनों में यह केस भारत के सबसे चर्चित आपराधिक मामलों में से एक बन सकता है।